Book Title: Mahakavi Bhudhardas Ek Samalochantmaka Adhyayana
Author(s): Narendra Jain
Publisher: Vitrag Vigyan Swadhyay Mandir Trust Ajmer

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Page 454
________________ 422 महाकवि भूधरदास : सुन ज्ञानी ...... सुन ज्ञानी प्राणी, श्री गुरु सीख सयानी ॥ टेक ॥ नर भव पाय, विषय मति सेवो, ये दुरगति अगवानी ।। ॥सुन ज्ञानी प्राणी. ॥ यह भव, कुल, यह तेरी महिमा, फिर समझी जिनवाणी । इस अवसर में यह चपलाई, कौन समझ उर आनी ।। ॥सुन ज्ञानी प्राणी. ॥ चन्दन काठ कनक के भाजन, भरि गंगा का पानी। तिल खर रांधत मंद मती जो, तुझ क्या रीस विरानी ।। ॥सुन ज्ञानी प्राणी ॥ 'भूधर' जो कथनी सो करनी, यह बुधि है सुखदानी । ज्यों मशालची आप न देखे, सो मति कहै कहानी ॥ " सुन ज्ञानी प्राणी. ॥ - भूधरदास

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