Book Title: Mahakavi Bhudhardas Ek Samalochantmaka Adhyayana
Author(s): Narendra Jain
Publisher: Vitrag Vigyan Swadhyay Mandir Trust Ajmer
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एक समालोचनात्मक अध्ययन
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7. उपाय बनना 8 उर में आस लगना
9. एक साल में दो बार 10 औसर पड़ने पर __कमान टूटना 11. अंधकार दीखना 12. अंजुली भर पानी
13. अंजुली सीस धरना 14, कफ कंठ में अडना
कंठ अडै
तब कछु बनै उपाय पार्श्वपुराण पृष्ठ 29 दुःखी देख लागै उर सार है जैनशतक छन्द 88 दो साले एक म्यान भूधरविलास पद 16 औंसर को पाइकै कमान टूट जाय प्रकीर्ण पद गुटका 6765 दीसै जगत अंधारौ भूधरविलास 13. आज रह्यौ अंजली भर पानी
, प्रकीर्ण सोरठा मैं अंजरी निज सीस धरी है। जैनशतक 14 जबलौ कफ नहिं
भूधरविलास पद 16 खोवत करोरन की एक एक घड़ी है। जैनशतक छन्द 23 निशदिन ढूँढ काक भूधरविलास पद 10 तौ सब काज सरै जैनशतक जियरा जी
छन्द 32, प्रकीर्ण कानी कोडी काज ___ जैनशतक छन्द 22 मानै कान रामा जैनशतक छन्द 26 दास को खलास कीजै भवपास तै
जैनशतक छन्द 7 जड़ खखारे को कीड़ा भूधरविलास पद 41 सारंग समाज खाज कबधौं खुजै है। जैनशतक छन्द 17
15. करोड़ो की घड़ी खोना
16. काक ढूँढना 17. काज सरना
18. कानी कौड़ी के लिए 19, कान मानना 20. खलास करना
21. खखार का कीड़ा 22. खाज खुजाना