Book Title: Laghu Siddhant Kaumudi me aaye hue Varttiko ka Samikshatmaka Adhyayan
Author(s): Chandrita Pandey
Publisher: Ilahabad University
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अर्थात् का शिका वृत्ति की रचना काशी में हुई। उज्ज्वल दत्त और ' सृष्टिधार का भी यही मत है । का शिका के लिए 'एकवृत्ति' और 'प्राचीन वत्ति' शब्दों का भी प्रयोग किया जाता है ।
___ का शिका वृत्ति व्याकरण्मास्त्र का अत्यन्त महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ है । इसमें निम्न विशेषता हैं :
का शिका से प्राचीन कुणि आदि वृत्तियों में गणपाठ नहीं था। इसमें गणपा का यथास्थान सन्निवेश है । अScाध्यायी की प्राचीन 'विलुप्त वृत्तियों और ग्रन्धकारों के अनेक मत इस ग्रन्ध में उदधृत है जिनका अन्यत्र उल्लेख नहीं मिलता। इस में अनेक सूत्रों की व्याख्या प्राचीन वृत्तियों के आधार पर लिखी है । अतः उनसे वृत्तियों के सूत्रार्थ को जानने में पर्याप्त सहायता मिलती है । का शिका में जहाँ-जहाँ महाभाष्य से विरोध है वहाँ-वहाँ का धिाका काक का लेख प्रायः प्राचीन वृत्तियों के अनुसार है । आधुनिक वैयाकरण महाभाष्य विरुद्ध होने से उन्हें हेय समझने हैं काशिकान्तर्गत उदाहरण - प्रत्युदाहरण प्रायः प्राचीन वृत्तियों के अनुसार है जिनसे प्रागैतिहासिक तथ्यों का ज्ञान होता है । काशिका ग्रन्थ साम्प्रदायिक प्रभाव से भी मुक्त है ।
काशिका जैसे महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ पर अनेक विद्वानों ने कार लिखी हैं वे निम्न हैं :
1. मिनेन्द्र पदि - जिनेन्द्र बुद्धि ने काशिका पर अपनी जो टीका लिखी वे का शिका
• विवरण जका' और दूसरी 'न्यास' सबसे प्राचीन है ।