Book Title: Kya yah Satya hai
Author(s): Hajarimal Bhoormal Jain
Publisher: Shuddh Sanatan Jain Dharm Sabarmati

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Page 16
________________ उस समय प्रतिफल की इच्छा का बोलबाला था जहां पर प्रतिफल की इच्छा का ध्येय हो जाता है, सूत्र, सिद्धांत भूला दिये जाते है और विशेषकर शीघ्रातिशीघ्र प्रतिफल लेने की “आकांक्षा' मात्र ही रह जाना स्वाभाविक है। । क्या यह सत्य है ? (15 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org Jain Education International

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