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अतः अनुरोध है कि अरहंत प्रभु की महानता को समझे और उनके लोकोत्तर सिद्धांत को टिकाये रखे यहीं एक हार्दिक इच्छा । इस लेख से आपको अविनय जैसा लगेगा अतः क्षमा करें ।
18 ) क्या यह सत्य है ?
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