Book Title: Kya yah Satya hai
Author(s): Hajarimal Bhoormal Jain
Publisher: Shuddh Sanatan Jain Dharm Sabarmati

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Page 53
________________ विशेष :- दिगम्बर परम्परा के आधार पर अभ्यंतर एवं बहिरंग के सम्पूर्ण परिगृह का त्याग करने पर ही शुद्धोपयोग होता है अर्थात दिगंबर मान्यताएं से तो नग्नता से ही मोक्ष संभव है । श्वेताम्बर आम्नायु के अनुसार मोहनीय कर्म को नाश करने वाला जीव मोक्ष का अधिकारी है चाहे वह स्त्री हो या पुरुष । तत्वार्थ सूत्र में तो मोह के क्षय से ही केवल ज्ञान केवल दर्शन की प्राप्ति मानी है। Dome 52) क्या यह सत्य है ? Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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