Book Title: Karma Vipak
Author(s): Vinod Jain, Anil Jain
Publisher: Nirgrantha Granthamala

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Page 11
________________ 'भट्टारकसम्प्रदाय' ग्रन्थ में विद्याधर जोहरापुरकर ने इनका समय वि. सं. 1450-1510 तक निर्धारित किया है। पर वस्तुतः इनका स्थितिकाल वि.सं. 1443-1499 तक आता है। रचनाएँआचार्य सकलकीर्ति संस्कृत भाषा के प्रौढ़ पंडित थे। इनके द्वारा लिखित निम्नलिखित रचनाओं की जानकारी प्राप्त होती है। 1. शान्तिनाथचरित, 2. वर्द्धमानचरित, 3 मल्लिनाथचरित, 4. यशोधरचरित, 5. धन्यकुमारचरित 6. सुकमालचरित 7. सुदर्शनचरित 8. जम्बूस्वामीचरित श्रीपालचरित 10. मूलाचारप्रदीप 11. प्रश्नोत्तरोपासकाचार 12.आदिपुराण- वृषभनाथचरित 13.उत्तरपुराण, 14. सद्भाषितावली-सूक्तिमुक्तावली, 15.पार्श्वनाथपुराण 16. सिद्धांतसारदीपक, 17. व्रतकथाकोष, 18. पुराणसार संग्रह 19. कर्मविपाक, 20. तत्वार्थसारदीपक, ___ 2 1 परमात्मराजस्तोत्र 22. आगमसार, 23. सारचतुर्विंशतिका 24 पंचपरमेष्ठीपूजा 25. अष्टाहिका पूजा 26. सोलहकारणपूजा 27. 27. द्वादशानुप्रेक्षा 28. गणधरवलयपूजा 29. समाधिमरणोत्साहदीपक राजस्थानी भाषा में लिखित रचनाएँ1. आराधना प्रतिबोधसार, 2. नेमीश्वर-गीत 4. णमोकार-गीत . 5. पार्श्वनाथाष्टक 7. शिखामणिरास 8. रत्नत्रयरास 3.मुक्तावली-गीत 6.सोलहकारणरासो (4) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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