Book Title: Jinmandiradi Lekh Sangraha
Author(s): Sushilsuri, Ravichandravijay
Publisher: Sushil Sahitya Prakashan Samiti

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Page 12
________________ * प्रकाशकीय-निवेदन * 'श्रीजिनमन्दिरादि-लेखसंग्रह' नामक यह लघु ग्रन्थ प्रकाशित करते हुए हमें अतीव आनन्द की अनुभूति हो रही है । इस लघु ग्रन्थ में 'जिनमन्दिर' 'जिनमूत्ति' 'जिनदर्शन' 'जिनपूजा' 'जिनभक्ति' आदि लेखों का सुन्दर संग्रह है। इन सभी लेखों के लेखक १०८ ग्रन्थों के सर्जक पूज्य शासनसम्राट समुदाय के सुप्रसिद्ध जैनाचार्य श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वरजी म. सा. हैं। उन्होंने सरल हिन्दी भाषा में संक्षिप्त, सुन्दर आलेखन किया है। उन्हीं के विद्वान् शिष्यरत्न-सुमधुरप्रवचनकार-कार्यदक्ष पूज्य उपाध्याय श्री जिनोत्तम विजय जी गरिणवर्य महाराज के मुख्य शिष्यरत्न-ज्ञानाभ्यासी-तपस्वी पूज्य मुनिराज श्री रविचन्द्रविजयजी महाराजश्री ने इन सभी लेखों का संग्रह करके इस लघुग्रन्थ का सम्पादन कार्य भी अच्छा किया है। इस लघु ग्रन्थ के स्वच्छ, शुद्ध एवं निर्दोष प्रकाशन का कार्य डॉ. चेतनप्रकाशजी पाटनी की देखरेख में सम्पन्न हुआ है। इन सभी का हम हार्दिक आभार मानते हैं ।

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