Book Title: Jain Sahitya aur Itihas par Vishad Prakash 01
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Shasan Sangh Calcutta

View full book text
Previous | Next

Page 10
________________ ४८७ १६ सर्वार्थसिद्धि पर समन्तभद्रका प्रभाव (अनं० दिसम्बर १६४२) ३२३ २० समन्तभद्रकी स्तुति विद्या (स्तुतिविद्या प्रस्तावना जुलाई १६५०) ३४० २१ समन्तभद्रका स्वयम्भूस्तोत्र(स्वयम्भूस्तोत्र-प्रस्तावना जुलाई ५१) ३५८ २२ समन्तभद्रका युक्त्यनुशासन (युक्त्यनु० प्र० जुलाई १९५१) ४२१ २३ रत्नकरण्डके कर्तृत्व-विषय में मेरा विचार और निर्णय ४३१ २१ अप्रैल १९४८ ( अने० वर्ष ६ सन् १९४८) २४ भगवती आराधना, दिसम्बर १९४८ ४८४ (पुरा० जैन वाक्यसूची-प्रस्तावना ) २५ भगवती आराधनाकी दूसरी प्राचीन टीका-टिप्पणियाँ १० अगस्त १९३८ ( अने० वर्ष २ वीर सं० २४६५) २६ कार्तिकेयानुप्रेक्षा और स्वामिकुमार, दिसम्बर १९४८ ४६२ (पुरा० जैन वाक्यसूची-प्रस्तावना ) २७ सन्मतिसुत्र और सिद्धसेन, ३१ दिसम्बर १९४८ (अने० वर्ष ६, दिसम्बर १६४८) २८ तिलायपएणत्ती और यतिवृषभ,दिसम्बर १९४८ (पुरा८ जनवाक्यसूची प्रस्तावना ) . २६ स्वामी पात्रकसरी और विद्यानन्द, १६ दिसम्बर १६२६६३७ (अने० वर्ष १ वीर सं० २४५६ ) " द्वितीय लेख, १७ जुलाई १६३६ (अने० वर्ष २) ६५८ ३० कदम्बवंशीय राजाओंके तीन ताम्रपत्र (जनहि० जून १९२०) ६६८ ३१ आर्य और म्लेच्छ, १७ दिसम्बर १९३८ (अने० वर्ष २) ६७८ ३२ समन्तभद्रका समय-निर्णय, मगसिर सुदि ५ सं० २०१२ ६८६ परिशिष्ट १ काव्य-चित्रोंका सोदाहरण परिचय ६६८ ३ अर्हत्सम्बोधन-पदावली ७०९ २ स्वयम्भू-स्तवन-छन्द-सूची ७८७ ४ नामाऽनुक्रमणी ७१३

Loading...

Page Navigation
1 ... 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 ... 280