Book Title: Jain Itihas
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 14
________________ जैन धर्म की उत्पत्ति शंकराचार्य के बाद नहीं हुई। हम नीचे चलकर कई प्रमाण इस बात के देते हैं कि जैन धर्म की उत्पत्ति शंकराचार्य के बाद नहीं हुई। (१) माधव और आनन्दगिरी ने अपने शंकरदिग्विजय नामक ग्रंथ मे और सदानंद ने अपने शंकरविजयसार नामक ग्रंथ में लिखा है कि शंकराचार्य ने कई स्थानों पर जैन पण्डितों के साथ शास्त्रार्थ किया था। यदि जैन धर्म की उत्पत्ति शंकराचार्य के पीछे हुई होती ___ तो, यह बात कदापि संभव न होती। (२) शंकराचार्य ने स्वयं स्पष्ट शब्दों में लिखा है कि जैन धर्म बहुत प्राचीन धर्म है, क्योंकि उन्होंने वेदव्यास के वेदान्त सूत्रों पर जो भाष्य रचा है उसके द्वितीय अध्याय के द्वितीय पद के ३३ से ३६ तक के सूत्र जैन धर्म के विषय इन अकाट्य प्रमाणों के रहते हुए यह नहीं कहा जा सकता कि जैन धर्म की उत्पत्ति शंकराचार्य के समय में अथवा उनके बाद हुई। जैन धर्म बौद्ध धर्म की शाखा नहीं है। इसी प्रकार जैन धर्म, बौद्ध धर्म की शाखा नहीं है, किन्तु उससे प्राचीन है। बौद्धो के धर्मशास्त्रों में जैनों का

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