Book Title: Jain Itihas
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 22
________________ (१२) यदि अधिक प्राचीन न हो तो कम से कम रामचन्द्रजी के समय से पूर्व का अवश्य है। जैन धर्म पाणिनी से बहुत पहले का है। २ सुप्रसिद्ध वैयाकरण पाणिनी ने अपनी अष्टाध्यायी में शाक्टायन का कई स्थानों पर हवाला दिया है। शाक्टायन एक जैन वैयाकरण थे जो पाणिनी के पहले हो चुके हैं। शाक्टायन का नाम ऋग्वेद के प्रति-आख्यों में, यजुर्वेद मे और यास्क के निरुक्त मे आया है। कुछ विद्वानो का मत है कि पाणिनी ईसा से ८०० वर्ष पहले विद्यमान थे और कुछ विद्वान् , पाणिनी का समय ईसा से २००० वर्ष पहले मानते हैं । यास्क पाणिनी से कई शताब्दि पहले विद्यमान थे । रामचन्द्र घोषने अपने " Peep into the Vedic Age " नामक ग्रंथ में लिखा है कि यास्क कृत निरुक्त को हम बहुत ही प्राचीन समझते हैं । यह ग्रंथ वेदों को छोडकर संस्कृत के सब से प्राचीन साहित्य से संबंध रखता है । इस बात से यही सिद्ध होता है कि जैन धर्म का अस्तित्व यास्क के समय से भी बहुत पहले था। ३ कई ब्राह्मणों मे भी जैन धर्म का उल्लेख पाया जाता है। उदाहरणार्थ एतरेय ब्राह्मण में लिखा है कि कुछ यतियो को गीदडों के आगे फेक दिया गया था और इस प्रकार उनके साथ में कुत्सित व्यवहार किया गया था।

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