Book Title: Jain Itihas
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 65
________________ (५३) उसके दुशाले को फाडकर टुकडे २ कर डाले । दुशाले को इस प्रकार नष्ट किये जाने पर शिवभूति को बहा क्रोध आया और वह तर्क करने लगा कि यदि वस्त्रों से मोह उत्पन्न हो जाता है तो उनको सर्वथा ही त्याग देना उचित है । इतना कहकर ___ उसने नग्न रहने का व्रत धारण कर अपने गुरु को त्याग दिया व एक नवीन धर्म का प्रचार कर उसके सिद्धान्तों में नग्नता को प्रधानता दी । वह अपने आप को दिगंबर कहने लगा और उसी समय से दिगंबर संप्रदाय का संस्थापन होगया । उसकी भगिनी उसके धर्म की अनुयायी होगई और उससे नग्न रहने की आज्ञा मांगी। शिवभूति ने उसे ऐसा करने से रोका और यह उपदेश दिया कि स्त्रियां मोक्ष प्राप्त नहीं कर सकती। कहा जाता है कि यह घटना ईसवी सन् की दूसरी शताब्दी के मध्य में हुई थी। इस प्रकार दिगंबरों की उत्पत्ति की कथा है। परन्तु यदि इस कथा की सच्चाई पर संदेह भी किया जाय तो दिगंबरों के अर्वाचीन होने की जो दलीलें ऊपर दी गई हैं उनकी सत्यता पर किसी प्रकार का संदेह नहीं हो सकता, क्यों कि वे ऐतिहासिक प्रमाणों पर अवलम्बित हैं। जैनों का नाम श्वेतांबर कैसे पड़ गया। जब शिवभूति ने नग्न रहने का व्रत धारण कर लिया और दिगंवर संप्रदाय की स्थापना की, तब यह स्वाभारिक

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