Book Title: Jain Itihas
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 54
________________ (४२) ने सभी मुनियों को नम रहने का उपदेश दिया था या नहीं। धर्म शास्त्रों से यह स्पष्ट रीति से मालूम होजायगा कि महावीर ने यह उपदेश कदापि नहीं दिया कि सभी साधु नग्न रहे। जैन शास्त्रों में लिखा है कि यदि कोई साधु नग्न रहना चाहे तो रह सकता है। जब वह आत्म-ज्ञान की सीढ़ियों पर ऊंचा चढ़ जाय तब वह अपनी इच्छानुसार वस्त्रों को त्याग कर नम रह सकता है। परन्तु वम धारण करने से आत्मा की उन्नति में किसी तरह की बाधा न आनेसे नम्रता को अनिवार्य नहीं रक्खा गया किन्तु मुस्य मुख्य प्रसंगों में ही इसका विधान किया गया। वैसे ही उस समय की परिवर्तित स्थिति के अनुसार महावीर के निर्माण के कुछ समय बाद ही यह प्रथा बंद कर दी गई । अतएव साधु अपनी इच्छानुसार नम्र रह सकते थे । नमता अनिवार्य नहीं थी । इसलिये यह सिद्ध होता है कि शामों में अनिवार्य नम रहने का उपदेश नहीं है। बौद्ध सूत्रों में इस यातके प्रमाण मिलते हैं कि जैन साधु वस्त्र धारण करते थे। (३) बौद्ध सूत्रों से यह मालूम होता है कि जैन साधु वस्त्र धारण करते थे। हरमन जैकोबी ने जैन सूत्रो की भूमिका में लिखा है कि" बौद्ध अचेलको और निग्गंथों में भेद मानते

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