________________
आप के आदिम पट्टप्रभावक, मुक्तिविजय गणी शासन राया । आपके पट्टमें विजय कमल सूरि, स्थविर विनय विजयजी गवाया ॥२॥ आपके शिष्य शासन दीपक, श्री चारित्र विजय गुरुराया । आदिम जैन गुरुकुल स्थापक, जिनके यशका पार न पाया ॥ ३॥ आपके सेवक दर्शन ज्ञानी, न्याय ने जयपुर में गुण गाया । संवत् उन्नीसो सत्ताणूं, जगत्गुरु का दिन मनाया . ॥ ४॥ तप गच्छ मन्दिर में जगगुरु के, चरण कमल सब को सुखदाया । सेवे भंडारी कोचर जी, चोरड़िया पालरेचा सुहाया ॥ ५॥ म्हेता, छाजड़ वैद संचेती, ढड्डा गोलेच्छा सुखपाया । ढौर गहेलड़ा बम् छजलानी, नौलखा सिंघी व खीसरा भाया ॥ ६॥ कोठारी लोढा करणावट, वाफणा पटनी शाहा उमाया । जौहरी हरखावत पोरवाला, श्री श्रीमाल हैं भक्ति रंगाया ॥ ७॥
संघ ने मिल कर भाव सवाया गुरुपूजन का पाठ पढाया । शिर नमार्यां जयजय पाया चारित्र दर्शन नाद गजाया ॥ ८॥ .
DO
GOOG Me MOONOONDOLENOG
TOON
HOOD
N NOODLOOD