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समर्पण ...
जिनकी आदेशात्मक प्रेरणा ने प्रस्तुत ग्रन्थ निर्माण का धरातल
तैयार किया, जिनका स्वप्न ही ग्रन्थ का निर्माता बना,
उन वात्सल्य-हृदय, पिता-तुल्य श्री रंगरूपमल जी कोठारी
आई.ए.एस.
को विनम्र भावेन
श्रद्धा-सह सादर...
-साध्वी विद्युत्प्रभा
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