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तु
टूथें
दैव्
यै
ग्लै
म्लैं
背物
ौं
trপঠ
कैं 37 38 रैं
ष्ट्य 40 स्त्यै
खै
43 जैं 44 सैं
स्त्रे 46
पैं 48 ओवैं
ष्णं
फक्क
तक
तकु
शुक
बुक्क
ओख 56 राखू 57
लाख
द्राख 59 धा
शाख 61 लाख
कक्ख
उख 64 नख 65
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प्लवनतरणयोः । प्लवनं मज्जनम्
तरणमुल्लङ्घनम्
पाने
शोधने
चिन्तायाम्।
हर्षक्षये । इह हर्षक्षयो
धात्व पचयः ।
गात्रविनामे । विनाः कान्तिक्षयः
न्यङ्गकरणे । कुत्सितमङ्गं न्यङ्गम्
स्वप्ने
तृप्तौ
शब्दे
संघाते
खदने । खदनं हिंसा स्थेयञ्च
क्षये
पाके
शोषणे
वेष्टने
नीचेर्गतौ। नीचैर्गतिर्मन्दगमन.
मसद्व्यवहार
हसने
कृच्छ्रजीवने
गतौ
भाषणे
शोषणालमर्थयोः
शोषणालमर्थयोः
व्याप्तौ
हसने
गौ
To swim, to bath in
water
To drink
To parify
To meditate upon
To be weak
To grow weary To disfigure
To sleep
To be satisfied
To sound
To be collectea in a
heap
To strike, to be
steady
To decrease
to boil
To wither
To coil around
To walk slowly
To behave falsely
To laugh
To live in distress
To go
To speak
To be dry, to be able
To dry, to be able
To pervade To laugh
To go
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धातुरत्नाकर प्रथम भाग
तैरना, पानी में खान
करना
पीना
शुद्ध करना
ध्यान लगाना
क्षीण होना
म्लान होना
खराब करना
सोना
तृप्त होना शब्द करना इकठ्ठा होकर
समुदाय बनाना हिंसा करना, स्थिर
होना
क्षीण होना
पकाना
सुकाना
लपेटना
धीरे चलना
गलत व्यवहार
करना
हँसना
दुखद अवस्था में
जीना
जाना
बोलना
सुखाना, समर्थ होना
सुखाना, समर्थ होना
व्याप्त करना
हँसना
जाना
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