Book Title: Dhaturatnakar Part 1
Author(s): Lavanyasuri
Publisher: Rashtriya Sanskrit Sansthan New Delhi

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Page 588
________________ धात्वङ्क 1 2 3 4 5 6 780= 10 12 16 17 18 19 21 223 25 26 भू पां घ्रां ध्मां धातुनाम शं म्नां दाम् जिं 9 जिं क्षिं इं (इतः परं षडुदन्ताः ) दुं 13 15 खुं 6. C. स्मृ गृ 20 बृं औस्वृ लक्ष दवृं ध्वं 24 हवं 14 शुं Jain Education International परिशिष्ट क्रमानुसारधात्वर्थसूची सत्तायाम् पाने गन्धोपादाने । शब्दाग्निसंयोगयोः । संस्कृतभाषार्थ गतिनिवृत्तौ । अभ्यासे (अभ्यासः पारम्पर्येण वृत्तिः ) दाने अभिभवे क्षये गतौ त स्थैर्ये च। चकाराद्गतौ प्रसवैश्वर्ययोः । प्रसवोऽभ्यनुज्ञानम्। ऐश्वर्यमीशनक्रिया । चिन्तायाम् सेचने शब्दो पतापयोः वरणे । वरणं स्थगनम् कौटिल्ये गतौ। प्रापणे च । चकाराद्गतौ अंग्रेजी अर्थ To be To drink To smell To blow To stand To behave like ancestors To give To conquer To decay To go To go To be firm, to move To have power to cousent To remember To sprinkle To sound, to pain To cover To behave contrary To go To go, to carry For Private & Personal Use Only हिन्दी भाषार्थ होना पीना सूँघना शब्द करना, अग्नि प्रज्वलित करने किए फूँकन रुक जाना अभ्यास करना, पूर्वजों के अनुकूल वृत्ति रखना । देना जीतना नष्ट होना जाना जाना स्थिर होना, जाना जानना, सम्मति देना, ऐश्वर्य प्रकट करना स्मरण करना छिड़कना शब्द करना, कष्ट देना ढँकना गलत व्यवहार करना जाना जाना, ले जाना www.jainelibrary.org

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