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धात्वर्थसूची
591
758 ग्लेपृङ्
दैन्ये च। चकाराच्चलन
To be poor, to move
दीन होना, चलना
759
गतौ
To go
जाना
मेपृङ् 760 रेपृङ् 761 लेपृङ् त्रपौषि गुपि
762 763
लज्जायाम् गोपनकुत्सनयोः
लज्जित होना रक्षा करना
764 766
अबुङ् 765 रबुङ् । लबुङ्
शब्दे अवस्रंसने च। चकारा-च्छब्दे लम्बते प्रलम्बते अवलम्बते आलम्बते उल्लम्बते विलम्बते इत्यनेकार्थत्वमुपसर्गद्यौवितमन्यत्राप्युदाहार्यम् वर्णे। वर्णो वर्णनं शुक्लादिश्च
To be ashamed To protect, to censure To sound To be mannerless, to be perishable, to sound
शब्द करना व्यवहारशून्य, नष्ट होना, शब्द करना
767
कबृङ्
To describe, to be coloured To be feeble To be proud To praise
वर्णन करना, रंग देना नपुंसक होना गर्व करना स्तुति करना
To eat To be courageous To sound
खाना धूर्तता करना शब्द करना
To stand still
अवरुद्ध होना
768 क्लीबृङ्
आधाष्ट्ये 769 क्षीबृङ्
मदे 770 शीभृङ् 771 वीभृङ् कत्थने।
772 शल्भि 773 वल्भि
भोजने 774 गल्भि
धाष्टये 775 रेभृङ् 776 अभुङ् शब्दे
777 रभुङ् 778
लभुङ् 779 ष्टभुङ् 780 स्तम्भे। स्तम्भः क्रियानिरोधः।
स्काभुङ् 781
ष्टभूङ् 782 जभुङ् 783 जभैङ् गात्रविनामे।
784 जमुङ् रभिं
राभस्ये। राभस्य कार्योपक्रमः डुलभिष्
प्राप्तौ भामि
क्रोधे 788 क्षमौषि
सहने 789 कमू
कान्तौ। कान्तिरभिलाषः 790 अयि 791 वयि गतौ
792 पयि 793
To be pale
फीका पड़ना
785
प्रारम्भ करना
786
787
To begin To obtain To be angry To endure To long for
प्राप्त करना क्रोध करना सहन करना अभिलाषा करना
To go
जाना
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