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धातुरत्नाकर प्रथम भाग
981
कुल
बन्धुसंस्त्यान्योः। संस्त्यानं संघात:
To have family to unite, to pile
परिजनों को संगठित करना
To go
जाना
982 पल 983 फल 984 गतौ
शल 985 हुल
हिंसासंवरणयोश्च 986 क्रुशं
आह्वानरोदनयोः 987
गतौ
जन्मनि 989 रमिं
क्रीडायाम् 990
षहि वृत ज्वलादिः। मषण। मर्षणं क्षमा। ज्वालाद- यो वृत्ताः
समाप्ताइत्यर्थः 991 यजी
देवपूजासंगतिकरणदानेषु 992 वेग्
तन्तुसंघाते 993 व्यंग
संवरणे। संवरणमाच्छादनम् __वेंग्
स्पर्धाशब्दयोः।
To kill, to cover To call, to lament To go To be produced To sport To forgive
हिंसा करना, ढंकना बुलाना, रोदन जाना जन्म देना खेलना क्षमा करना
988
To worship, to go पूजा करना, जाना To weave
बुनना To cover
आच्छादन करना To compete, to make स्पर्धा करना, शब्द noise
करना To sow the seeds बीज बोना
To carry To go, to grow To speak To dwell
ले जाना जाना, बढना बोलना निवास करना
वद
999
घटिष
995 डुवपीं
बीजसंताने। बीजानां संतानः क्षेपे
विस्तारणम् 996 वहीं
प्रापणे। 997 ट्वोश्वि
गतिवृद्ध्योः । 998
व्यक्तायां वाचि वसं वृत यजादिः। निवासे। वर्तिताः समापिता
यजादय इत्यर्थः 1000
चेष्टायाम्। चेष्टेहा क्षजुङ्
गतिदानयोः 1002 व्यथिए
भयचलनयोः 1003 प्रथिष्
प्रख्याने। प्रख्यानं प्रसिद्धिः 1004 म्रदिष् 1005 स्खदिष्
खदने। खदनं विदारणम् 1006 कदुङ् 1007 क्रदुङ् वैक्लव्ये। विक्लव: कातरस्तस्य
1008 क्लदुङ् भावः कर्म- वैक्लव्यम्। 1009 क्रपि
कृपायाम्। 1010 जित्विरिष्
संभ्रमे। संभ्रमोऽत्राकारिता 1011 प्रसिष्
विस्तारे
1001
गुप
मर्दने
To do something To go, to give To fear, to move To be published To rub gently To tear off To be feeble, to be powerless To show mercy To hasten To spread
चेष्टा करना गति करना, देना भय करना, चलना प्रकाशित करना मालिश करना फाड़ना दुबला होना, शक्तिहीन होना दया करना जल्दबाजी करना विस्तार करना
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