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धातुरत्नाकर प्रथम भाग
रींच्
डीच्
गतौ
1245 धींच् 1246 मींच् 1247 1248 लीच् 1249 1250 व्रींच् वृत्स्वादिः 1251 पीच् 1252 1253 प्रींच् 1254 युजिच्
पाने
पीना
1255 1256 1257 1258 1259
सृजिंच् वृतूचि पदिच विदिंच खिदिंच
1260 1261 1262 1264 1265 1266 1267
युधिंच् अनो रुधिंच बुधिं 1263 मनिच् अनिच् जनैचि दीपैचि तर्पिच
अनादरे
To disrespect
अनादार करना हिंसायाम्
To kill
मारना स्रवणे
To ooze
रिसना श्लेषणे
To embrace
गले लगना To go
जाना वरणे
To accept
स्वीकार करना
To drink गतौ
To go
जाना प्रीती
To love
प्रेम करना समाधौ। समाधिश्चित्तवृत्तिनिरोधः To contemplate in समाधिस्थ होना
solitude विसर्गे
To make, to arrange बनाना, रचना वरणे
To accept
स्वीकार करना गतौ। गतिर्यानं ज्ञानश्च
To go
जाना सत्तायाम्। सत्ता भावः
To become
होना दैन्ये।
To be sorry, to be खेद प्रकट करना, poor
दीन होना सम्प्रहारे। सम्प्रहारो हननम् To fight
युद्ध करना कामे। काम इच्छा
To wish
इच्छा करना ज्ञाने
To know
जानना प्राणने
To breathe
प्राण धारण करना प्रादुर्भावे। प्रादुर्भाव
To be produced उत्पन्न करना दीप्तौ
To shine
चमकना ऐश्वर्ये वा। तपंधूप संतापे इत्यस्यैवैश्वर्ये To be lord
स्वामी होना दिवादित्वामात्मनेपदं वा विधीयते आप्यायने। आप्यायनं
To increase
वृद्धि होना जरायाम्। जरा वयोहानिः
To grow old
वृद्ध होना To go
जाना स्तम्भे
To be proud
अभिमान करना त्वरायाम्। घुरादय: षडपि हिंसायां
To haste
उतावला होना चकाराद्यथापथमुक्तेषु जरादिषु दाहे
To burn
जलाना उपतापे
To be afflicted दुखित होना अल्पत्वे
To be small
छोटा होना दीप्तौ
To shine
चमकना To make noise शब्द करना
1268 1269 1271 1273 1274
गतै
पूरैचि घूरैङ् 1270 जूरैचि धूरैङ् 1272 गूरैचि शूरैचि तूरैचि घुरादयः हिंसायाश्च चूरैचि किशिच् लिशिंच् काशिच् वाशिच्
1275 1276 1277 1278 1279
शब्दे
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