Book Title: Dhaturatnakar Part 1
Author(s): Lavanyasuri
Publisher: Rashtriya Sanskrit Sansthan New Delhi

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Page 629
________________ 612 1454 1457 चुणत् 1458 डिपत् 1459 1460 1461 1471 1472 1473 1474 दुड 1455 हुड 1456 त्रुडत 1462 1464 1465 पृङत् 1466 इंडत् 1467 धृत् 1468 ओविजैति 1469 1479 1480 1481 छुरत् स्फुरत् स्फुलत् 1482 कुंड् 1463 कूड् गुरैति ओलजेंड 1470 औलस्जैति ष्वजित जुवैति तिच्छविकरणस्तुदादिर ण: सम्पूर्णः रुधूपी रिम्पो 1475 1476 1477 भिदृपी 1478 छिपी विम्पो युजम्मी क्षुदृपी उहृदपी उतदृषी पृचैप् 1483 वृचैप् 1484 1486 त 1485 तञ्जप् भजोंप् Jain Education International निमज्जने छेदने क्षेपे छेदने स्फुरणे संचये च। चकारात्स्फुरणे शब्दे उद्यमे व्यायामे । व्यायाम उद्योग आदरे स्थाने भयचलनयो व्रीडे संगे प्रीतिसेवनयोः आधरणे । आवरणं व्यापित्वम् विरेचने। विरेचनं नि सारणम्। पृथग्भावे । योगे विदारणे द्वैधीकरणे अद्वधस्य पृथकृत्वे संपेशे दीप्तिदेवनयोः हिंसानादरयोः । संपर्के धरणे संकोचने आर्द To sink, to make one डूबना, डूबाना sink To cut To throw To cut To accompany To love, to serve To throb फड़कना To throb to quiver, फड़कना, इकट्ठा to collect करना To sound शब्द करना To exert उद्यम करना To take exercise व्यापार करना To respect आदर करना To live, to hold रहना, धारण करना To fear भय करना लज्जित होना To be ashamed To cover To evacuate to separate to join To tear To divide, to cut purge, धातुरत्नाकर प्रथम भाग To unite, to mingle To choose To contract To break For Private & Personal Use Only छेदन करना फेंकना छेदन करना मैत्री करना प्रेम करना, सेवा करना To pound To shine To hurt to disrespect आहत करना, अनादार करना एक होना, मिश्रण करना स्वीकार करना संकुचित करना तोड़ना ढँकना to शुद्धि करना, खाली करना अलग करना जोड़ना भेदन करना विभाजित करना, छेदन करना कुचलना चमकना www.jainelibrary.org

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