Book Title: Dhaturatnakar Part 1
Author(s): Lavanyasuri
Publisher: Rashtriya Sanskrit Sansthan New Delhi

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Page 630
________________ धात्वर्यसूची 613 1487 भुजंप् पालनाभ्यवहारयोः अभ्यवहारी To protect, to eat रक्षण करना, खाना भोजनम्। 1488 अञ्जोंप् व्यक्तिम्रक्षणगतिषु। व्यक्तिः प्रकटता। भक्षणं घृतादिसेकः। . भयचलनयोः। वेष्टने 1489. 1490 ओविजेप कृतैप् 1491 1492 1493 1494 1496 उन्दैप् शिष्लूपू पिष्लृप् हिसु 1495 तृहप् खिदिप केदने विशेषणे। विशेषणं गुणान्तरोत्पादनम् सञ्चूर्णने हिंसायाम् दैन्ये To manifest, to go, प्रगट करना, जाना, to sprinkle छिड़कना To fear, to move भय करना, जाना To encompass, to कांपना, लपेटना twist To moisten गीला होना To qualify स्थापन करना Topound, to grind कुचलना, पीसना To hurt आहत करना To be afflicted, to be दु:खी होना, खेद depressed प्रकट करना To think विचार करना To shine चमकना हिंसायाम् गतौ विस्तारित होना देना आहत करना जाना खाना, चरना चमकना 1497 विदिंप विचारणे 1498 जिइन्धैपि इति दीप्तौ श्नविकरण: पिदुधाः दिर्गणः सम्पूर्णः 1499 तनूयी विस्तारे 1500 षणूयी दाने 1501 क्षणूय 1502 क्षिणूयी 1503 ऋणूयी 1504 तृणूयी अदने 1505 घृणूयी दीप्तौ 1506 वनूयि याचने 1507 मनूयि बोधने 1508 डुक्रींग्श् द्रव्यविनिमये। विनिमयः परिवर्तः 1509 विंग्श् बन्धने 1510 पोंग्श् तीतिकान्तयोः कान्तिरभिलाष: 1511 श्रींग्श् पाके 1512 मींग्श् हिंसायाम् 1513 युंग्श् बन्धने 1514 स्कुंग्श् आप्रवणे। आप्रवणमुद्धरणम् 1515 नूग्श् 1516 दुग्श् To spread To give To hurt To go To eat, to graze To shine To desire To know To purchase To bind To satisfy To cook To hurt To bind To uphold To sound To hurt, to kill इच्छा करना जानना खरीदना बँधना सन्तुष्ट होना पकाना आहत करना बँधना उद्धार करना शब्द करना आहत करना, मारना लेना, स्वीकार करना शब्दे हिंसायाम् 1517 ग्रहीश् उपादाने। उपादानं स्वीकारः। To take, to accept Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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