________________
धात्वर्थसूची
607
मर्षणे। मर्षणं क्षमा पूतिभावे। पूतिभावः केदः
रञ्जींच
रागे
1280 शकींच 1281 शुगैच 1282 1283 शपांच 1284 मृषीच 1285 1286 षुग्ट्
To forgive To be wet To be coloured To curse To forgive To bind To extract juice
आक्रोशे तितिक्षायाम्। तितिक्षाक्षमा बन्धने अभिषवे। अभिषवः केदनं संधानाख्यं पीडनमन्थने वा बन्धने निशाने। निशानं तनूकरणम्
क्षमा करना गीला होना रंग करना शाप देना क्षमा करना बांधना अर्क निकालना
णहींच्
पिंग्ट 1288 शिंग्ट्
प्रक्षेपणे
चिंग्ट्
डुमिंग्ट 1290 1291 धूग्ट 1292 स्तृगूट 1293
इंग्ट् 1294 1295 1296 1297 1298 1299 - स्मृट्
चयने कम्पने आच्छादने हिंसायाम् वरणे गतिवृद्ध्योः श्रवणे उपतापे प्रीतौ पालने च। चकारात्प्रीती
To bind
बाँधना To make pointed तीक्ष्ण करना sharpen To make over वृद्धि करना To collect
इकट्ठा करना To tremble
कंपित होना To cover
ढकना To kill
मारना To forgive
क्षमा करना To go, to grow जाना, बढ़ना To hear
सुनना To afflict
दुखित होना To love
प्रेम करना To protect, to love रक्षा करना, प्रेम
करना To be able
योग्य होना To kill
मारना
शक्ती
1300 1301
शकू तिक 1302 तिग 1303 षघट
हिंसायाम्
1304
संसिद्धौ। संसिद्धिः
To be equal to
समान होना
1306
वृद्धौ व्याप्तौ
1307 1308 1309 1310 1311 1312 1313
फलसंपत्ति। ऋधूट आप्लंट तृपट दम्भूट कृवुट् धिवुट् जिधृषाट्
प्रीणने दम्भे हिंसाकरणयोः गतौ प्रागल्भ्ये आस्कन्दने
To grow To pervade To please To find excuse To kill To go To proud To shout
वृद्धि करना व्याप्त होना प्रसन्न करना ० बहाना ढूँढना मारना जाना गर्व करना चिल्लाना
ष्टिधिट
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org