Book Title: Dhaturatnakar Part 1
Author(s): Lavanyasuri
Publisher: Rashtriya Sanskrit Sansthan New Delhi

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Page 610
________________ धात्वर्थसूची 593 832 भाषि च To speak distinctly स्पष्ट बोलना व्यक्तायां वाचि। प्रकृते परश्चकार: प्रवृत्ति-मनुकर्षति। तेन क्लेशिर्भाषिश्च व्यक्तायां वाचि। गतिहिंसादर्शनेषु अन्विच्छायाम्। अन्विच्छान्वेषणम् ईषि गेषङ 833 834 835 836 To go, to kill, to see To search for To attempt To go जाना, मारना, अन्वेषण करना प्रयत्न करना येषङ् प्रयत्ने जाना जेषङ् 837 णेषङ् 838 एपृङ् 839 हेङ् 840 रेषङ् 841 हेपृङ् अत्यने शब्द अव्यक्त शब्द करना To speeak indistinctly To be gummy To beautify To be proud To cough To shine चिकना करना चमकाना अभिमान करना खाँसना चमकना 842 पर्षि स्नेहने। 843 घुषुङ् कान्तीकरणे। 844 स्रंसूङ् प्रमादे। प्रमादोपलेपः 845 कासृङ् शब्दकुत्सायाम् शब्दस्य कुत्सारोग: 846 भ्रासि 847 टुभ्रासि दीप्तौ 848 टुभ्लासृङ् 849 रासृङ् 850 णासृङ् शब्दे 851 णसि कौटिल्ये 852 भ्यसि भये 853 आङशसू इच्छायाम्। आङ इति आङ:पर एवायं प्रयुज्यते नान्योपसर्गानापि केवल इति ज्ञापनार्थम 845 ग्रसूङ् 846 ग्लसूङ् अदने 846 घसुङ् करणे 847 ईहि चेष्टायाम् 848 ___ अहुङ् 849 प्लिहि गतौ 860 गर्हि 861 गल्हि 862 वर्हि 863 वल्हि 864 बर्हि 865 बल्हि परिभाषणहिंसाच्छादनेष To sound To be crooked To fear To wish शब्द करना कुटिल होना भय करना इच्छा करना खाना To eat To do To do something To go To censure To be chief To tell, to kill, to over कुत्सने प्राधान्ये करना चेष्टा करना जाना निन्दा करना प्रधान होना बोलना, मारना, ढंकना प्रयत्न करना 866 प्रयत्ने To attempt वेहङ् 867 जेह्रङ 868 वाह्रङ् द्राह्रङ् 869 ऊहि 870 871 निक्षेपे तर्के। तर्क उत्प्रेक्षा। विलोडने। विलोडनं परिमलनम्। To establish To imagine To dive स्थापित करना तर्क करना डूबकी लगाना गाहौङ् Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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