________________
धार्थ
चतेग
प्रोग्
मिशृग्
मेथुग्
903
चदेग
904 ऊबुन्दृग्
899
900
901
902
905
907
909
910
918
919
णिदृग् 906 णेदृग्
मिदृग् 908 मेदृग्
मेधृग्
912 बुधृग्
913
खनूग्
914 दानी
915
916
917
शृधृग् 911 मृधूग्
922
शानी
शपीं
चायृग्
व्ययी
अली
920 धावूग् 921 चीवृग्
दाशृग्
Jain Education International
याचने ।
पर्याप्तौ पर्याप्तिः पूर्णता मेधाहिंसयोः
संगमे च चकारान्मेधा-हिंसयो ।
याचने
निशामने। निशामनमोलोचनम् ।
कुत्सासन्निकर्षयोः ।
मेधाहिंसयोः
संगमे च । चकारान्मेधा हिंसयोः
उन्दे । उन्दः क्लेदनम्
बोधने
अवदारणे
अवखण्डने ।
तेजने
आक्रोशे आक्रोशो विरुद्धानुध्यानम् पूजानिशामनयोः
गतौ
भूषणपर्याप्तिवारणेषु ।
अतिशुद्धयोः
झषीवत् । झषी आदान संवरणयोः
वक्ष्यते तद्धदयमपि आदान
संवरणयोरित्यर्थः ।
दाने ।
To beg
To be complete
To be prudent, to kill
To unite, to be
prudent, to kill
To censure, to be
near
To beg
To think for credit or हानि-लाभ का discredit
To unite, to be
prudent, to kill
विचार करना
निन्दा करना, निकट
होना
To be prudent, to kill मेधायुक्त होना,
मारना एकत्रित करना, युक्त होना,
To moisten with
liquid
To know
To dig
To break down
To sharpen
To curse
To worship, to
consider gain and loss
To go
To adorn, to be fit to do away
To go, to be pure
To take, to cover
To give
करना, वाद्ययन्त्र
उठाना
मांगना
पूर्ण करना
मेधायुक्त होना,
For Private & Personal Use Only
595
मारना
मिलना, मेधायुक्त
होना, मारना
मांगना
मारना
गीला करना
जानना
खोदना
तोड़ना
तीक्ष्ण करना
शाप देना
पूजा करना, हानिलाभ का विचार
करना
जाना
सजाना, उद्यम के लिए तैयार होना
जाना, शुद्ध करना लेना, ढँकना
देना
www.jainelibrary.org