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धातुरत्नाकर प्रथम भाग
मयि, 794 नयि 795 चयि 796 रयि तयि 798 णयि दयि
797 799
रक्षणे। चकाराद्गतौ। दानगतिहिंसादहनेषु च। चाद्रक्षणे।
800
ऊयैङ्
To protect, to go To give, to go, to kill, Toprotect To weave To be dispersed, to smell bad
तन्तुसन्ताने। दुर्गन्धविशरणयोः।
801
पूयैङ्
रक्षा करना, जाना देना, जाना, मारना, रक्षा करना बुनना बिखेरना, दुर्गन्धयुक्त करना शब्द करना कम्पित करना बढाना
803
802 नूयैङ्
क्ष्मायैङ् 804 स्फायैङ् 805
ओप्यायैङ् 806 ताङ्
शब्दोन्दनयोः। उन्दनं क्लेदनम विधूनने। वृद्धौ
To sound, to wet To tremble To grow
संतानपालनयोः। संतानः प्रबन्धः।।
807
वलि 808 वल्लि
संवरणे चलने च। चकारात्संवरणे।
To protect, to compose To cover To move, to cover To hold To speak, to kill, to
रक्षा करना, रचना करना ढंकना चलना, ढंकना धारण करना बोलना. मारना, देना
809
शलि
धारणे
810 812
मलि 811 मल्लि भलि 813 भल्लि
परिभाषणहिंसादानेषु
give
814 815
कलि कल्लि
To sound, to count To be silent
शब्द करना, गिनना चुप होना
शब्दसङ्ख्यानयोः अशब्दे। शब्दस्या-भावोऽशब्दं तृष्णीभावः देवने
816
तेवृङ् 817 देवृङ्
खेलना, जीतने की इच्छा करना
To play, to wish for conquer, to make, commence, to shine, to praise, to go To serve
818
सेवने
सेवा करना
वेवृङ् 819 सेवृङ् 820 केवृङ् 821 खेवृङ्, 822 गेवृङ् 823 ग्लेवृङ्, 824 पेवृङ् 825 प्लेवृङ् 826 मेवृङ् 827 म्लेवृङ् रेवृङ् 829 पवि काशृङ् क्लेशि
828
To go
जाना
830 831
गतौ दीप्तौ विबाधने
To shine To quarrel, to speak distinctly
चमकना केश करना, अव्यक्त शब्द करना
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