Book Title: Dhaturatnakar Part 1
Author(s): Lavanyasuri
Publisher: Rashtriya Sanskrit Sansthan New Delhi

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Page 606
________________ धात्वर्थसूची 704 705 708 710 711 712 714 716 717 718 हिडुङ् घिगुड़ 706 घुण्ड् 707 घृणुङ् घुणि 709 पूर्णि 722 पणि 723 यतैड् युतृङ् 713 जुतृङ् विथुङ् 715 वेथु नाथूड् 719 कत्थि 720 श्चिदुङ् श्रथुङ् ग्रथुद्द 721 बदुइ भदुङ् मदुङ् स्पदुङ् क्लिदुङ् 724 725 726 मुदि 727 ददि 728 हर्दि Jain Education International गतौ च । चकारादनादरे ग्रहणे भ्रमणे व्यवहारस्तुत्योः प्रयत्ने भासने याचने उपताप उपघात: शैथिल्ये । शैथिल्यगाढा कौटिल्ये । कौटिल्यं कुसृतिर्बन्धश्च श्लाघायाम्। श्लाघागुणारोपः श्वैत्ये। श्वेत्यं श्वेतगुणक्रिया। स्तुत्यभिवादनयोः । स्तुतिर्गुणैः प्रशंसा अभिवादनं पादयोः प्रणिपातः । सुखकल्याणयोः । सुखं सद्वेद्यकर्मोदयाच्छुभानुभवनम् । कल्याणं श्रेयः । स्तुतिमोदमदस्वप्नगतिषु । मोदो हर्ष: मदो दर्पः । स्वप्ने नालस्यमपि लक्ष्यते To go, to disrespect किञ्चिच्चलने परिदेवने । परिदेवनं शोचनम् हर्षे दाने पुरीषोत्सर्गे To take उपतापेश्वर्याशीः षु च। चकाराद्याचने । To pain, to be powerful To wander To make business, to praise To try To make shining To beg, to favour To relax To bind, to show which is unreal by majic To praise, to bow down To be happy, to be benfecial To praise, to be delighted, to be जाना, अनादर करना ग्रहण करना To move To lament To be jolly To give To excrement भ्रमण करना प्रकट करना To praise स्तुति करना To make white, to be श्वेत होना, श्वेत white For Private & Personal Use Only व्यवहार करना, स्तुति करना यत्न करना 589 चमकाना मांगना, पक्षपात करना कष्ट देना, शक्तिशाली होना शिथिल होना बाँधना, असत्य को जादू द्वारा सत्य में करना स्तुति करना, नमन करना proud to sleep, to be सोना, आलस्य idle, to go करना, जाना चलना रोदन करना प्रसन्न होना देना मलविसर्जन प्रसन्न होना, लाभान्वित होना प्रशंसा करना, प्रसन्न होना, गर्वित होना, www.jainelibrary.org

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