Book Title: Dhaturatnakar Part 1
Author(s): Lavanyasuri
Publisher: Rashtriya Sanskrit Sansthan New Delhi

View full book text
Previous | Next

Page 597
________________ 580 धातुरत्नाकर प्रथम भाग 349 त्रुफ 350 त्रुम्फ 345 त्रुप 346 त्रुम्पे वर्फ 352 रफ 353 351 गतौ To go जाना जाना 354 अर्ब 355 कर्ब 356 खर्ब 357 गर्ब 358 चर्ब 359 चर्ब 360 नर्ब 361 पर्ब 362 बर्ब 363 शर्ब 364 षर्ब 365 सर्ब 366 रिबु 367 रबु 368 कुबु लुबु 370 जुबु 369 371 आच्छादने अर्दने वक्त्रसंयोगे। हिंसायाम्। To cover To pain To kiss To kill ढंकना कष्ट देना चुम्बन करना मारना चुबु 372 सृभू (सृभ्) 373 सृम्भू (सृम्भ) 374 त्रिभू (त्रिभ) 375 षिम्भू (सिम्भ) 376 भर्भ (भ ) शुम्भ (शुम्भ) यभ (यम्) 377 भाषणे च। . मैथुने। मिथुनस्य कर्मणि भावे वा। बोलना संभोग क्रिया करना 378 To speak To do act of intercourse To do act of intercourse To eat जभ (जम्भ) मैथुने। मिथुनस्य कर्मणि भावे वा। संभोग क्रिया करना अदने खाना चमू 381 छमू 382 जमू 383 झमू 384 जिमू 385 To walk क्र To stop 887 पादविक्षेपे। पादन्यास इत्यर्थः उपरमे। उपरमो निवृत्तिः शब्दे प्रह्वत्वे। प्रह्वत्वं नम्रत्वम् वैक्लव्ये। वैक्लव्यं कातरत्वम् शब्दभक्त्योः भक्तिर्भजनम् यमूं स्यमू णमं षम 390 ष्टम अम 888 To sound To bend To be vigourless To sound, to pray चलना स्थिर होना शब्द करना मोडना कातर होना शब्द करना, प्रार्थना करना 889 391 392 अम 393 द्रम 394 गतौ To go जाना Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646