Book Title: Dhaturatnakar Part 1
Author(s): Lavanyasuri
Publisher: Rashtriya Sanskrit Sansthan New Delhi

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Page 602
________________ धात्वर्थसूची 585 चह कल्कने। कल्कनं शाठ्यम् शठता करना 553 554 त्यागे त्याग करना To deceive To abandon To go Te grow 555 जाना गतौ वृद्धौ 556 बढना 559 दुह 557 दृहु 558 वृह वृह 560 वृह उह 562 तुहू 563 शब्दे च। चकारावृद्धौ अर्दने To sound, to grow To hurt शब्द करना, बढना चोट पहुँचाना 561 564 अर्ह 565 मह उक्ष रक्ष 566 567 568 570 पूजायाम् सेचने पालने संघाते व्याप्तौ च चकारात्संघाते To worship To sprinkle To protect To gather To pervade, to gather मक्ष 569 मुक्ष अक्षौ पूजा करना छिड़कना रक्षा करना एकत्रित होना व्याप्त होना, एकत्रित होना पतला करना, खण्डित करना चुम्बन करना 571 तक्षौ 572 त्वक्षौ तनूकरणे। तनूकरणं काय॑म्।। To thin, to chop चुम्बने। चुम्बनं वक्वसंयोगः गतो To kiss To go जाना 573 णिक्ष तृक्ष 575 स्तृक्ष 576 णक्ष 577 वक्ष 578 त्वक्ष रोषे To be angry त्वचने। त्वचनं त्वग्ग्रहणं सवरणं वा। To catch a skin, to cover अनादरे To disrespect काङ्क्षायाम् To desire क्रोधित होना त्वचा ग्रहण करना, ढंकना अनादर करना इच्छा करना सूर्भ काक्षु 581 वाक्षु 582 माक्षु द्राक्षु 584 ध्राक्षु 585 ध्वाक्षु घोरवाशिते च। चकारात्काङ्क्षायाम् To cry out, to desire चिल्लाना, इच्छा करना जाना १७ To go To smile To fly To sound डीङ् मुस्कुराना उडना शब्द करना 586 गाङ् गतौ 587 मिङ् ईषद्धसने 588 विहायसांगतौ। 589 उंङ् 590 कुंङ् 591 शब्दे गुंङ् 592 धुंङ् 593 कुङ् 594 च्युङ् 595 ज्युङ गतौ 596 जुंङ् 597 प्रुङ् To go जाना Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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