Book Title: Dhaturatnakar Part 1
Author(s): Lavanyasuri
Publisher: Rashtriya Sanskrit Sansthan New Delhi

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Page 599
________________ 582 धातुरत्नाकर प्रथम भाग 431 चिल्ल शैथिल्ये च। चकाराद्धावकरणे To become loose, to sport with a wish of intercourse शिथिल होना, मैथुन क्रीडा करना 432 To go जाना पेल 433 फेल 434 गतौ शेल 435 पेल 436 सेलू 437 वेल्ह 438 सल 439 तिल 440 तिल्ल 441 पल्ल 442 वेल्ल वेल 444 चेल 445 चलने केल 446 क्वेल 447 खेल 448 स्खल खल संचये च। चकाराच्चलने 443 To move चलना 449 To collect, to move 450 452 453 श्वल 451 श्वल्ल गल चर्व पूर्व 455 पर्व 456 आशु गतौ अदने। गलः स्रवणेऽप्यनेकार्थत्वात् अदने पूरणे To go quickly To eat, to ooze To eat, to ooxe To fill एकत्रित करना, चलना शीघ्र जाना खाना, रिसना खाना, रिसना भरना 457 To go जाना 460 To be proud गर्व करना 463 465 466 जीव To spit out To live To be fat थूकना प्राणधारण करना मोटा होना मर्व 458 धवु 459 गतौ शव कर्व 461 खर्व 462 गर्व ष्ठिवू 464 क्षिवू निरसने प्राणधारणे पीव 467 मीव स्थौल्ये 468 तीव 469 नीव उर्वै 471 तुर्वै 472 हिंसा करना थुर्वै 473 दुर्वै 474 धुर्वे 475 जुर्वे 476 अर्व 477 भर्व 478 शर्व मुवै 480 मव बन्धने गुर्वै उद्यमे 470 To kill हिंसा करना To bind To work बंधन में डालना काम करना 481 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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