Book Title: Dhaturatnakar Part 1
Author(s): Lavanyasuri
Publisher: Rashtriya Sanskrit Sansthan New Delhi

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Page 593
________________ 576 धातुरत्नाकर प्रथम भाग प्रेष्ये। प्रैष्यं दासत्वम्। शब्दे To be slave To sound To injure To go सेवक होना शब्द करना चोट पहुँचाना हेट विबाधायाम् गतौ जाना 191 चिट 192 विट 193 194 अट 195 पट 196 इट 197 किट 198 कट 199 कटु 200 कट 201 कुटु 202 मुट 203 चुट 204 चुटु 205 वटु 206 रुटु 207 लुटु स्फट 209 स्फुट् 210 लट 211 रट (अथ ठान्ता:सप्तदश सेटश्च) 212 212 रठ च वैकल्ये प्रमर्दने अल्पीभावे विभाजने। विभाजनं विभागीकरणम् स्तेये विसरणे बाल्ये। बाल्यं बालक्रिया परिभाषणे। To have a defect To turn forcibly To become small To part To steal To break To be childish, To speak विकलांग होना मरोड़ना छोटा होना विभाजित करना चोरी करना तोड़ना बालचेष्टा करना बोलना 208 To speak बोलना 213 पठ चकारोलटानुकर्षणार्यस्तेन लटे रर्थद्वयं सिद्धम् व्यक्तायां वाचि स्थौल्ये मदनिवासयोश्च 214 215 मठ To read To be fat To be fat, to dwell, to be proud of To live in distress स्पष्ट उच्चारण करना मोटा होना मोटा होना, निवास करना, गर्वित होना कष्टमय जीवन बिताना हठ करना कष्ट देना 216 कठ कृच्छ्रजीवने 217 218 बलात्कारे उपधाते To be ravish To strike उठ 219 रुठ 220 221 हिंसासंक्लेशनयोः To kill, to quarrel मारना, लड़ाई करना मूर्ख बनाना, मारना 222 शठ To deceive, to kill कैतवे च। चकाराद् हिंसासंक्लेशनयोः प्रतीघाते आलस्ये च। चकाराद गतिप्रतीघाते। 223 224 शुठ कुठु 225 लुठु To strike To be idle, to strike कष्ट देना आलस करना, मारना 226 शुलु शोषणे To dry सुखाना Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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