Book Title: Bolte Chitra
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 69
________________ ५० बोलते चित्र और उसने अपने प्रश्न का उत्तर चाहा। राजा ने कहा-आप बहुत शीघ्रता कर रहे हैं । आप जिस मकान में ठहरे हुए हैं उस मकान के पास एक विराट् वट वृक्ष है। जब वह सूख जायेगा तब आपको उत्तर दिया जायेगा। _____ वजीर हताश होकर अपने निवास स्थान पर आया। उसने अपने साथियों से बादशाह की बात कही। सभी निरुत्साह हो गए। सोचने लगे--कब यह वृक्ष सूखेगा और कब हमें उत्तर मिलेगा। सोते, बैठते, उठते, खाते, पीते, सब यह विचार करते कि कब वह सूखेगा और कब हमें अपने देश जाने की आज्ञा मिलेगी। उन सभी की आहों से वह वट वृक्ष छः माह में सूख गया। ___अब वजीर प्रसन्नता से झूमता हुआ राजा के पास गया और वट वृक्ष के सूखने की बात कही । अपने प्रश्न का उत्तर मांगा। राजा ने कहा-वजीर जी, मैंने आपके प्रश्न का उत्तर दे दिया है। जिस प्रकार वह हरा-भरा वट वृक्ष आपकी आहों से सूख गया है, उसी प्रकार आपके बादशाह प्रजा की आहों से जल्दी उखड़ जाते हैं। वे परोपकार आदि कार्य नहीं करते हैं। प्रजा उनसे रुष्ट होकर दुराशीष देती है। इसी कारण वे लम्बे समय तक राज्य नहीं कर पाते । भारत के राजा दान, परोपकार आदि कार्य करते Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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