Book Title: Bolte Chitra
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 140
________________ जीवन समर्पण १२१ होगी। आप इस महान् निधि को अपने देश में ले जाइए।' इस प्रकार कहकर वह युवक सिन्धु में गिर पड़ा ! उसके गिरने के साथ ही दूसरे युवक विद्यार्थी भी कूद पड़े । विद्यार्थियों को इस प्रकार प्राण समर्पित करते देखकर चीनी यात्री की आँखों से आँसू टपक पड़े। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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