Book Title: Bolte Chitra
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 133
________________ बोलते चित्र पकड़ने वाले की यह स्थिति होती है तो आपने तो मेरे दोनों हाथ पकड़ लिए हैं ! इसलिए मेरी सम्पूर्ण जिम्मेदारी आप पर आगई है और मैं चिन्ता से मुक्त हो गया हूँ। बादशाह सिद्धराज का उत्तर सुनकर बहुत ही प्रसन्न हआ और उसे प्रेम व सम्मान के साथ विदा कर दिया। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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