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यह कैसा भोजन ?
सम्राट सिकन्दर की विशाल सेना शत्रुओं को परास्त करती हुई आगे बढ़ रही थी। उसने तुर्किस्तान की सीमा में प्रवेश किया।
तुर्किस्तान के बादशाह को यह समाचार मिला। मन्त्रियों ने बादशाह से निवेदन किया कि हमें उसका प्रतिकार करना चाहिए। दुश्मन की सेना को भगाना हमारा कर्तव्य है। हमें युद्ध करने के लिए सभी प्रकार की खाद्य व सैन्य सामग्री तैयार कर लेनी चाहिए।
तुर्किस्तान के बादशाह ने कहा-आप किसी प्रकार की चिन्ता न करें। मुझे सभी मालूम है।
. अन्त में सिकन्दर की वह विशाल सेना बिना प्रतिकार आगे बढ़ती तुर्किस्तान की राजधानी में आगई ! तुर्किस्तान के बादशाह ने सिकन्दर का प्रेम से स्वागत किया। दोनों आपस में प्रेम से मिले । न सिकन्दर ने युद्ध के लिए कहा और न तुर्किस्तान के बादशाह ने ही।
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