Book Title: Bolte Chitra
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 134
________________ सम्पत्ति का विभाग नवद्वीप में दो भाई रहते थे-रायमरिण और घुमरिण । दोनों प्रकाण्ड पण्डित थे। उनके पास सरस्वती ती थी और लक्ष्मी भी अठखेलियाँ कर रही थी। __एक दिन रायमणि ने अपने लघुभ्राता रघु से कहा ब सम्पत्ति के विभाग कर लिये जायें तो अच्छा है । ___ रघु ने निवेदन किया-भाई ! आप यह क्या कह हे हैं । मूर्ख जन सम्पत्ति के प्रलोभन में पड़कर अलगलग हो जाते है, पर हम तो पण्डित कहलाते हैं। हमारे लए अलग होना शोभास्पद नहीं है। __रायमणि ने प्रेम से कहा-भैया ! तुम मेरा अभिप्राय हीं समझे । हम दोनों अलग होना नहीं चाहते हैं, पर नो सम्पत्ति है वह लड़कों को अपने हाथ से बाँट दें ताकि । भविष्य में सम्पत्ति को लेकर झगड़ा न करें। रायमणि के तीन पुत्र थे और रघुमरिण के एक लड़का ११५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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