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तृष्णा
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दूसरी ओर देखिये उस व्यक्ति को तन ढकने के लिए वस्त्र नहीं है । पेट भरने के लिए इस काल-रात्रि में वह मजदूरी कर रहा है । इसे कल्याणकारी राज्य कहा जाय या काल-राज्य ?
मगधराज श्रेणिक महारानी के कथन को न समझ सका कि वह किस वृद्ध व्यक्ति के सम्बन्ध में कह रही है। उसी समय पुनः बिजली चमकी। महारानी ने पानी में से लकड़ियां निकालने वाले व्यक्ति की ओर संकेत किया। ___ महाराजा ने उसी समय द्वारपाल को बुलाया और कहा-जो व्यक्ति पानी में खड़ा लकड़ियां निकाल रहा है उसे बुलाकर लाओ।
द्वारपाल ने उस वृद्ध व्यक्ति को उपस्थित किया, जिसके शरीर पर लज्जा निवारण के लिये केवल कौपीन मात्र वस्त्र था।
राजा श्रेणिक ने पूछा-आयुष्मन् ! तुम कौन हो? क्या उदर पूर्ति के लिये तुम्हारे पास अन्न नहीं है ? तुम अर्धरात्रि में, भयंकर वर्षा में इतना श्रम क्यों कर रहे हो ?
वृद्ध ने सभ्यता से नमस्कार करके कहा-राजन् मेरे पास अन्न तो बहुत है पर एक कमी है जिसके लिए मुझे रात दिन श्रम करना पड़ता है !
राजा-वह क्या है ?
वृद्ध-राजन् ! मेरे पास एक बहुत सुन्दर बैल है, किन्तु दूसरा बैल न होने से जोड़ी अधूरी है । उसकी पूर्ति
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