Book Title: Bikhre Moti
Author(s): Padmasagarsuri
Publisher: Ashtmangal Foundation

View full book text
Previous | Next

Page 7
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शास्त्र व ग्रन्थों के पन्ने-पन्ने व पंक्ति-पंक्ति पर अंकित है भावों की बहुमूल्य मणियाँ। 'दधि-मंथन' करने वाला पाता है - 'नवनीत' । 'मनो-मंथन' करने वाला पाता है - "विचार रत्न'। शास्त्र मंथन - महान पुरुषों की अमृतमय वाणी का श्रवण व स्वाध्याय चिंतन करने वाला पाता है - “अनुभव ज्ञान की मूल्यवान् मणियाँ" । आध्यात्म के बड़े-बड़े ग्रन्थों का पाठ करना हर किसी को सुलभ नहीं हो पाता, इसलिए महापुरुषों के सार पूर्ण छोटे-छोटे अमृतमय सुवचन, अनमोल चिंतन पढ़कर आपको उन गुणों की रमणीयता का अनुभव होगा, उनमें ठिो आध्यात्मिक उल्लास की अनुभूति होगी। ___ मेरे उपकारी पूज्य गुरुवर गणिवर्य श्री देवेन्द्र सागर जी म. सा. ने सरल और सुन्दर भाषामें अलंकृति करने का कार्य किया है ताकि पाठक वर्ग व चिंतक वर्ग को अपने "बिखरे मोती" इकट्ठे करने में सुगमता होगी। इसी में कृति की कृतकृत्यता है। - पूज्य उपकारी गुरुवर श्री ने प्रेरणा देकर श्रत भक्ति-सेवा का मौका दिया। मैं पूज्य गणिवर्य श्री देवेन्द्र सागर जी का आभार मानता हूँ जो उन्होने आर्थिक सहयोग प्रदान कर मेरी भावना को साकार किया। _ 'अष्टमंगल फपउन्डेशन ने इसे जल्दी प्रकाशित कर लोकार्पण कार्य किया। अशोक वि-मोदी भीनमाल - (राज) ता. 3-11-94 For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 ... 90