Book Title: Bhav Sangrah
Author(s): Vamdev Acharya, Ramechandra Bijnaur
Publisher: Bharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad

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Page 8
________________ सन् १९८४ से मेरे मस्तिष्क में यह योजना बन रही थी परन्तु तथ्य यह है कि 'संकल्प के बिना सिद्धि नहीं मिलती ।" सन्मार्ग दिवाकर आचार्य १०८ श्री विमल सागर जी महाराज की हीरक जयन्ती के मांगलिक अवसर पर माँ जिनवाणी की सेवा का यह सङ्कल्प मैंने प. पूज्य गुरुदेव प्राचार्य श्री व उपाध्याय श्री के चरण सानिध्य में लिया । आचार्य श्री व उपाध्याय श्री का मुझे भरपूर आशीर्वाद प्राप्त हुआ । फलत: इस कार्य में काफी हद तक सफलता मिली है । इस महान् कार्य में विशेष सहयोगी पं. धर्मचन्दजी व प्रभ जी पाटनी रहे । इन्हें व प्रत्यक्ष-परोक्ष में कार्यरत सभी कार्यकत्ताओं के लिए मेरा पूज्य गुरुदेव के पावन चरण कमलों में सिद्ध श्रुत-आचार्य भक्ति पूर्वक नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु | सोनागिर, ११-७-९० - प्रार्थिका स्याद्वादमती

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