Book Title: Bharatma Jain Dharmna Mahattvana Tirtho Author(s): Manibhai G Shah Publisher: Kusum Prakashan View full book textPage 6
________________ Acharya Padmasagarsuri 26-3-93 . - होश :भारतीय ५८५४ - 44100 / मर स्थान है | मानसिnaa + पित्त) ५स फोस ने भी 4( ( ५८ है | जैन शसन HIयालि Pिre लिये सी (ri मरव ५. विशेष स्थान २५.८/ मे मा २॥ ४ कि - लोगों में ) 2011 में तितर- मान। Gauri (लेमें यह (एक मिने। ले ने तसे परिचय के साथ- साया 4 के इतिहास / ) (संदर- संसिस ५R. हियारे, जो ५८ने रस ५८ रिता । ५८ स्तन 4 में प्रति लोगों में मार मार भी ५ie naik | हरर से 4६ स्तर यो) मने। ऐसा माना । 4c gern जन- HIT + ५ 199/भावना ५ रने माला में ५८१ मे २) ३ मना है। पारिPage Navigation
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