Book Title: Bhagwati Sutra Part 05
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 787
________________ प्रमेयचन्द्रिका टीका श.७ उ.९ सू. ५ वरुणनागनप्तृकचरित्रम् ७५५ -दण्डनायक-राजेश्वर-तलवर-माडम्विक-कौटुम्विकेभ्यः श्रेष्ठिसेनापतिसार्थवाह-दृत-सन्धिपालैः साई संपरितः संपरितवेष्टितः, एतस्य व्याख्या औपपातिके पञ्चदशसूत्रो द्रष्टव्या । 'जेणेव वाहिरिया उबट्टाणसाला, जेणेव चाउग्घटे आसरहे तेणेव उवागच्छइ' यौव वाह्या उपस्थानशाला, यत्रैव चातुर्घण्टः अश्वस्थः तत्रैव उपागच्छति 'उवागच्छित्ता चाउग्घंटे आसरहं दुरुहड' उपागत्य चातुघण्टम् अश्वरथमाहरोति, 'दुरूहित्ता हयगय-रह-जावसंपरिवुडे' आरुह्य हय-गज-रथैः यावत्-योधवरैः कलितया चतुरङ्गिण्या सेनया संपरितः 'महयाभडचडगर-जावपरिक्वित्ते जेणेव रहमुसले संगामे तेणेव उवागच्छइ' महाभटचडगर-यावत्-बन्दपरिक्षिप्तः,महाभटैश्चडगरवृन्दैः महाभटविस्तारसमूहैः परिवेष्टितः यत्रैव रथमुसलः संग्रामो बनते तत्रैव तस्मिन्नेव प्रदेशे उपागच्छति-उपस्थितो भवति 'उवागकौटुम्बिक, इभ्य, श्रेष्ठी, सेनापति, सार्थवाह, दूत और संधिपाल थे। इन सब पदोंकी व्याख्या औपपातिक के १५वें सूत्र में की गई है सो वहांसे देखलेना चाहिये । 'जेणेव बाहिरिया उवठ्ठाणसाला जेणेव चाउग्धंटे आसरहे तेणेव उवागच्छई' इन सब पूर्वोक्त अधिकारीजनोंके साथरवे वरुण नागपौत्र जहां पर बाह्य उपस्थानशाला थी और जहाँ पर चारघंटावाला अश्वरथ था वहाँ पर आये 'उवागच्छित्ता' वहां पर आकरके वे 'चाउग्धट आसरहं दुरूहइ' उस चातुर्घण्ट अश्वरथ पर सवार हो गये । 'दुरूहित्ता' सवार होकर वे 'हय गय रह जाव सपरिवडे' घोडा, हाथी, रथोंसे यावत् श्रेष्ठ योधाओंले युक्त चतुरंगिणी सेनासे घिरे हुए होकर 'महयाभडचडकर जाच परिक्खित्ते રાજેશ્વર, તલવર, માલિક, કૌટુંબિક, ઇભ્ય, શ્રેષ્ઠી, સેનાપતિ, સાર્થવાહ, દૂત અને સધિપાલ હતા આ બધા પદેને અર્થ ઔપપાતિક સૂત્રના ૧૫માં પદમા આપવામાં આવ્યા છે, તે ત્યાંથી તેને અર્થ જાણું લેવા 'जेणेव वाहिरिया उवट्ठाणसाला - जेणेव चाउग्घटे आसरहे, तेणेव उवागच्छद' मा मया हित अधिमानी साथे साथ, नासपात्र १२९१, જ્યાં બાહ્ય ઉપચાનશાળા હતી, અને જ્યા ચાર ઘટડીઓથી ચુકત અશ્વરથ રહેલે तो त्या माव्या 'उवागच्छित्ता' या मावाने 'चाउग्घट आसरहं दुरुहर्ड' तमा यार 4204100 २५ 3५२ सवार २४ गया 'दरुहिता' २थमा सवार थधने 'हय-गय-रह जाव संपरिखुडे' साथी, घास, २२ भने योडामाथी युत यतु२०॥ सेनाथी व 2015 'महया भडचडकर जाव परिक्खित्ते जेणेव रहमुसले संगामे

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