Book Title: Bhagvati Sutra Part 02
Author(s): Ghevarchand Banthiya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 11
________________ क्रमांक विषय . २०८ जीवों की हानि और वृद्धि ९५७ स ६७५ उद्देशक-९ २०९ राजगृह का अर्थ २१. प्रकाश और अन्धकार २११ नैरयिकादि का समय ज्ञान २१२ पापित्य स्थविर और श्रीमहावीर २१३ देवलोक . पृष्ठ क्रमांक विषय ९०२ | २२० कर्म और उनकी स्थिति २२१ कर्मों के बन्धक वेदक का अल्पबहत्व ९१४ ९१५ उद्देशक-४ ६१९ २२३ जीव प्रदेश निरूपण २२४ जीव और प्रत्याख्यान २२५ प्रत्याख्यान निबद्ध आयु ९७७ ९९५ & & ୨ .. उद्देशक-१० . उद्देशक-५ २२६ तमस्काय २२७ कृष्णराजि २२८ लोकान्तिक देव शतक-६ १०११ १०१८ उद्देशक-६ उद्देशक-१ २२९. पृथ्वियां और अनुत्तर विमान १०२४ २१४ वेदना और निर्जरा में वस्त्र | २३० मारणान्तिक समुद्घात १०२५ का दृष्टांत ९३२ २१५ जीव और करण ९३८ उद्देशक-७ २१६ वेदना और निर्जरा की सहचरत। ९४१ २३१ धान्य की स्थिति उद्देशक-२ २३२ गणनीय काल २३३ उपमेय काल १०३६ उद्देशक-३ . २३४ सुषमसुषमा काल १०४२ । २१७ महाकर्म और अल्पकर्म २१८ वस्त्र और जीव के पुद्गलोपचय ९४९ उद्देशक-८ २१६ वस्त्र और जीव की सादि |२३५ पृथ्वियों के नीचे ग्रामादि नहीं है सान्तता ९५३ १०४४ ९४४ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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