Book Title: Bankidasri Khyat
Author(s): Narottamdas Swami
Publisher: Rajasthan Puratattvanveshan Mandir

View full book text
Previous | Next

Page 152
________________ . १३८]. वांकीदासरी ख्यात [ १६२०-१६३३ १६२०. भानीदास कलावतरा वेटारी विगत - नारायणदास १, नरवद २, अखैसिंघ३, मेवाड माहे छै, सूरसिघ घोड़ारो चाकर देईदास जगरूप मेवाड़ माहे छै । १६२१ परमार आसकरण मालदेरो अऊत गयो । १६२२ परमार सुजाणसिंघ मालदेरो काम आयो कछवाहा मानसू वेढ हुई जठ। १६२३ परमार रावत जैसो पचायणरो जिणरै ठाकुराई जैतरै हुती. पुत्र किणर ई हुवो नही । १६२४ परमार रावत उदैसिंघ पचायणोत जैसा पछै पाट पायो संवत १६५२ रा सावण सुद १ । १६२५ रणथभोर चहुवाण हमीरदेव साको कियो । १६२६ परमारांरी ख्यात – रावत सागो १, उणरो रावत महपो २, उणरो रावत राघो ३, उणरो रावत करमचद ४, उणरो पचायण ५, राजा कछवाहा मानरो नानो । १६२७ सवत १५८९ विक्रमादीतजीतूं चितोड़ पळटियो जद जैठ सुदी २ पचायण काम आयो। १६२८ पचायणरो रावत मालदे पातंसाहसू छाड राणा उदैसिंघरै वसियो, जाजपुर राणाजी पटै दियो। १६२९ सादूळ माळदेरो सागो ही माळदेरो जिणरी बेटी सूरजसिंघजी अराई जाय परणिया इणरी दोहिती आसकवरवाई। १६३० परमार सादूळ मालदेरो जिण श्रीनगर वसायो पातसाह जहागीर अजमेररो सोवो इणनू दियो. सीसोदियो भीम अमरसिंघोतरा कहणासू साहजादा खुरमरी आण मे वापराअजमेरय खुरम सामल हुवो। १६३१ सादूळरै रायसल. रायसलर जुझारसिंह श्रीनगररो धणी १, रायसल २ । १६३२ श्रीनगररो राजा परवतराज कहावै आग लाख पायदळरी ठकुराई हुती पहाडमे राजा उमराव सरव झपानमे बैसै वासरी करड़ी झपान कहावै. च्यार जणा उपाडै । १६३३. परमार राजा कलसाह धारा नगरीसू उठ कमाऊरो राजा लखमीचंद जिणरी चाकरीमें रह्यो लिखमीचद लोहवोगढ इणनूं पटै दियो पछै कलसाहवे फरमावरदार होय कमाऊरी आधी धरती दबायी, लोहयोगढ अपणायो. गढ़वार कहीजै ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233