Book Title: Bankidasri Khyat
Author(s): Narottamdas Swami
Publisher: Rajasthan Puratattvanveshan Mandir

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Page 198
________________ १८४] वांकीदासरी ख्यात [२२४५-२२६० २२४५ मुहमद मुवा पछै छटै महीनै खातून जन्नत हुई। २२४६ मुरकब सैपुर कैवरारी लडाईमे महमदरै आयो हो सो महमद मुबां पर्छ घास दाणो पाणी तज तीजै दिन मुवो। २२४७ अलीरा खुदा न मे दानम अज खुदा जदो न मे दानम । २२४८ अहमद महमूद औ दोय नाम पेकवररा फरेस्ता पढे. महमद ओ नाम पैगवररो जमी ऊपररा लोक पढे । २२४९ फार कलीता ओ महमदरो नांव तोरेतमे है, याजुन माजुन ओ नाव महमदरो अजीलमे है। २२५०. मैहम नवीनै वडै पीर किणनू ही सराप न दियो मुहम्मद ईसम, अवुल ___ वासुम लकव, मुस्तफा खिताव । २२५१ सूरत नूर १, सूरत फिजर २, सूरत इखलास ३, सूरत तुलवर ४ इत्यादीक सूरतां कुरानमे है। २२५२. कुरानमे खुदा कहै है - बोल महमद खुदा १, खुदा किसीसे पैदा हुवा नही २, खुदासू कोई पैदा हुवा नही ३, जात जमातसू पाक खुदा ४ । २२५३ कुरानमे कहै है - रोजा राखै, नमाज पढे, नित खुदारो जिकर करै सो खुदा कहै, म्हारो वदो। २२५४ कुरानमे कहै है - मुसलमानरी त्रिया विधवा हुवां पछै मनमे आवे तो च्यार महीना दसा दिना पछै अन्य पुरससू निका करै, दूसण नही । २२५५ सेख, मुगल, पठाण - तीन खांपारै आ रीत है - कुराणरी अग्या मुजव पितारो चाळीसो कर अवृद्धा मातानू पुत्र जाय कहै - म्हारो पिता थारो भरतार मर गयो उण माथै ईमान राख तू वैठी रहै तो भला ही, नही तो थारा मनमे आवै जिणसूं निका कर पछै उणरीमातारै मनमे आवै ज्यू करै। २२५६. अळी जीवता खातून जनमता मर गयी जिणसू सईदार आ रीत नही । २२५७ मुसळमानारै कह है किनावमे - पुरख आपरी त्रियासू भोग करै गुदा तरफ तो उणसू कियो तिका सो टूट जावै । २२५८. यवनरै चाळीस हाथ कपडो चाहीजै म्रतक सरीरमे. जनाजा कहै म्रतक रथीनू यवन । २२५९ ईदुलजुहा वकरीदरो नाम ईदुलफितर रोजा ईदरो नाम। . २२६० चित्र लिखणो, मूरत वणावणी मुसळमानारै मनै है ।

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