Book Title: Bankidasri Khyat
Author(s): Narottamdas Swami
Publisher: Rajasthan Puratattvanveshan Mandir
View full book text
________________
२१२ ]
वांकीदासरी ख्यात
[ २६६५-२६८०
२६६५ सितारो १, मलैवार २, हैदरावाद ३, श्रीरंगपट्टण ४ औ च्यार राज श्रीस
छक हुता लारला वरसा ।
२६६६ श्री रगमे टीपू, सितारै भोसळो राजा, मलैवार रामराजा, हैदरावादमे वतगान हजरत मुडा पातसाह नवाव ।
२६६७ आसामरो मालक १ नेपाळ पती २ रणजीतसिंघ लाहोर - पती ३ - औ हिंद अहढ अकलीममे वडे जोर है ।
२६६८ इण जमानामें चीणरा पातसाहरो ने असतवोलरा पातसाहरो वडो जोर है लसकर खजानो जर रुपियारो पातसाह असतवोलरो मालक ।
मुसलमान
२६६९ साह अव्वास ईरानरो पातसाह १, अवदुल्ला उजवक तूरानरो पातसाह २, अकबर हिंदरो पातसाह - तीनू ओक वक्तमें हुवा ! २६७० ख्वाजा हाफिज, अत्तार फरीदुद्दीन, मौलाना रूमी वगैरै अक सदीमे हुवा । २६७१ सतरजरी रामत, केसारो कळप, पचाख्यान ग्रन्थ अ नौसेरवारै वकत तीन चीजा हिदसू ईरानमें गयी ।
-
प्रसिद्ध कवि और लेखक
२६७२ काळीदास नामै पडित तीन हुवा है अक काळीदास विक्रम आगे, जो भोज आगे, तीजो काळीदास वळे हुवो हैं ।
२६७३ कविरमरु कविरमरुः ।
२६७४. उत्तरराम चरित्र नाटक राजा भोज व भवभूती दूना मिले कियो । २६७५ पुरसोतमदेव पुरसोतमपुरीरो राजा जिण नवा सिलोक वणायनै गीतगोविंदरी अस्टपदियार अत धरिया, च्यार सौ सिलोक भागवतरा अध्याय आदि अत धरिया ।
२६७६ अब्दुर्रहमान जामी मसनवी ऊपर टीका किवी ।
२६७७ खडियै तेजसी भोपतोत मुजाण रासो वणायो है जिनमे सुजाणसिंघजीरा परवाडा है ।
इतिहास
२६७८ तवारीख साहबुद्दीनी, तवारीख नासिरुद्दीनी, तवारीख अलाउद्दीनी, तवारीख फीरोजसाही, तवारीख अफगानी ।
२६७६ तैमूरनामो, जफरनामो, तैमूररी तवारीख हैं ।
२६८० तवारीख अकवरसाही, अकवर-नामो, तवकात अकवरी, इकवालनामो जहागीर, जहागीर नामो, जहागीर आप बणायो, तवारीख साहजहानी तवारीख

Page Navigation
1 ... 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233