Book Title: Bankidasri Khyat
Author(s): Narottamdas Swami
Publisher: Rajasthan Puratattvanveshan Mandir
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१८२] वांकीदासरी ख्यात
[२२१३-२२२८ २२१३ मीसणनू सासण खडेला खडीसो अक, पुररा घोडा दो वूदीरी हईन गांव
हरियाणा हाडारो दियोड़ो। २२१४. चावड़ पूजै वनरलोत सासण देवरा हरण दियो। २२१५. राव गार कछमें तूवेरानू साठ सासण दिया । २२१६. मोरो १, संग्रावडो २, पीपार गुडो ३, माणको ४ -- इत्यादिक गांव कल
हरारा घाणावारमे विहारियारा दियोडा। २२१७ हरभमरो पातल, पांतलरो दासो, दासारो भाखरसी जिण गाव आगडाऊओ
रोहडियानू दियो। २२१८ दूदा जोधावत कनै वारट पातो महराजोत खोरीसूं गयो जद चारणवास
दूदैजी पाताजीनू दियो। २२१९ नागोररो गाव डेहरवो सूंडायचांनू राणै सगर उदैसिंघोत दियो । २२२०. सरवाडर परगनै गांव गुंदाळी भादायूँ परमारा दियो । २२२१ सेखावत मनोहरपुररै राव पालावत वारट गिरधरदासन गोविंदपुरो दियो.
भूधरदासनू हणमतियो दियो, केसवदासजीनूं किसनपुरो दियो, वनमाळी
दासजीनूं कल्याणपुरो दियो। २२२२. कछवाह रूपसी वैरागर कविया अलूजीनू गांव जसराणो सासण कर दियो.
सो मारोठरा गेडां जसराणो वैताळीस जवत राखियो. पछै मेड़तिया रुघनाथसिंघजीनू मारोठ पटै हुई जद रुघनायसिंघजी जसराणो कवियानूं
दियो। २२२३ मकराणारो घणी कछरो करमचंदोत जिण चौरासी गावरी चौथाई चारण,
भाटा, बामणांनू दिया। २२२४. हरळायां वघाउडै घोडारणिय दासोड़ी भोजा रतनू है । २२२५. मीसण अणंदनू घायलजी पोळपात कियो ।
भाट २२२६. राजोरा भाटानू सुरताणपुरो वेदळारा रावरो दियोड़ो है, सुरजणियावास
राणाजीरो दियोड़ो है।। २२२७. टाक जातरा भाट ज्या माहे पाळूपोता सेखावतांरा ताटीसेवी । २२२८. टाक विष्णुदासोत राजावतांरा ताटीसेवी. टाक काळू करमसीरा नरूकारा
ताटीसेवी।

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