Book Title: Bankidasri Khyat
Author(s): Narottamdas Swami
Publisher: Rajasthan Puratattvanveshan Mandir
View full book text
________________
२०४] वांकीदासरी ख्यात
[२५१६-२५३३ २५१६ भीलवाडो मेवाडरो जठारा भील माथारा केस खुलियां झगडो कर, पीठ
लारै ऊभी भीलड़िया बोले - धीरो पाखरिया । २५१७ मेवाडी गाव दूधुवो जठे वालो वघेरामे रावत मेरो। २५१८ तोडासू च्यार कोस पहाड ऊपर वनासरा दरहछवाळ नाडी ऊपर सिसोदिया
रायसिंघ भीम अमरसिंघोतरै महल कराया, गाव वसियो जिणरो नाव
राजमहल । २५१६ ईदावाटीमे धूताबर गाव चीमड विराजै खाडो देवळ वडो देवळ है। २५२० इंदावाटीमे गाव दूगर माता दुगाय भाखरमे विराजै है हाल तक। २५२१ जागळी नामे भील राठोड राजान वेटी परणाय आव दियो राठोड कनासं
आबू गोहिला लियो दोय सै वरस गोहिलारै रही गोहिला कनातूं परमारा
लियो परमारा कनासू प्रीतू देवडै लियो। २५२२ अवायजी अक सिरोहियो दरवाजो है । २५२३ अवावजीरी सेवा करै उदबर जातरा वामण । २५२४ दातारा धणीरी दुकान अवायजीरा पगा है घ्रतादिक वस्तु यात्री उण दुकानसू खरीदै ।
मालवा २५२५. मालवै सहर रुणीजो जठ देवडा मोक्ळोतरो राज है, भोजकराव वाजै आ
माडवारा पातसाहरा चाकर हुता।
गुजरात २५२६ गुजरात मे वडा-वडा तळाव है। २५२७ हडियारो घाट १, मडोळोररो घाट २ सतवासरो घाट ३, मरदानारो घाट ४,
घोडा घाट ५, इत्यादिक त्याहीरा घाट है ? २५२८ आवारो पेड, महुवारो पेड, रायणरो पेड, आमलीरो पेड, गुजरातमे करसणी
थीत गिणै । २५२६ गुजरातमे गरवो गावै - वेगळो रहे वरणागिया रे, वरणागियो रसियो। २५३० महतारी गरवारी तुक अक वार कहै, दूजी त्रिया दोय वार कहै । २५३१ गुजरातमे रोवणनू रडनो कहै । २५३२ गुजराती काकानै काचा कहै । २५३३ गुजराती आपरी त्रियारो जार होण आवै विणनू कहै - च्यार रुपिया आलसै
तो अमानी बेर दोय सेर सोनो पहर तुमारे पास आवस, रुपियामे दोय सेर सोनो घसावस नही ?

Page Navigation
1 ... 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233