Book Title: Bankidasri Khyat
Author(s): Narottamdas Swami
Publisher: Rajasthan Puratattvanveshan Mandir

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Page 199
________________ २२६१-२२७१] मुसलमानांरी वातां [ १८५ २२६१, यमनरा पातसाहरी बेटी परीजादी, बलकिस नाम, जिणनू पातसाह सुलेमान परणियो। २२६२. बलकिसरी भुवारी नजर घणी दूर पहुचती ऊची जायगा माथै बैठी निगा राखती, कित्ताईक कोसा नजर पहोंचती पर चक्ररी खबर देती. अक समै सत्रुवा वृक्ष काटि हाथमें ले लिया इण देखि भाई पात जिणानू कह्योवृक्षारो लसकर आवै है उण वात न मानी पर चक्र सहरमे आयो फतै पाय ऊभो बलकिसरी भुआनू पकडी पूछियो - इत्ती रोसनी चसमरी किण कारणसू इण कह्यो - पहला म्हारी मा आखामे सुरमो घालियो जिणसू दूर नजर दोडै सत्रुवा इणरी आखा काढि निगै कीवी आखारै हेटै सुरमारो दळ जमियोडो हो। २२६३ याकूत जजीरामे आदमनू खुदा पैदा किया उठ गेहू पैदा कियो उठासू काढि सरनदीप जजीरामें आदमनू राखियो । २२६४. याकूत जजीरामे रूमरा पातसाहरो अमल है आगै तुरगारी वढी आफत हुती इण जजीरामे। २२६५ अथ यवनारा तीर्थ लिखते - मक्को १, मदीनो २, करबलो ३, बगदाद ४, स्थान जफ ५, काजमैन ६, मसहद ७, रुकनावाद ८, वैतुलमुकद्दस ९, तखत रखुल आलमीन १०, कोहनूर ११, दमिस्क १२, कोहे लुवनान १३। । २२६६ अथ नवी पीरा प्रमुख यवनारो प्रसग दोलतावादरो जामे पीर जरजरी जर वकस १, दोलतावादरै किलामे पीर साकडै सुलतान २, औरगाबादमे पीर बुरहानुद्दीन ३, अलचपुरमे पीर रहमान सादुला ४, गिडदमे पीर बाबा फरीद ५, अलवरमे पीर ईमानसाह ६, वासममे पीर दावलसाह दरियाई ७, हैदरावादमे मुरतजा अली ८, मिरचमे पीर मीदासमत्ता ९, पूनामे सेख सलाउद्दीन १०, पूनामें बुरहानसाह ११, वीजापुरमे पीर अमीनुद्दीन आला १२, नजरवागमे पीर आमानसाह १३ । २२६७ गोरा १, कलदर २, कुतब ३, अबदाल ४ -- इत्यादीक अवलियारा भेद है । २२६८ अउलियाकी करामात पैअबरकी मोज जो कहावै लात मन्नात उजाती तीनू वोत मकामे होती। २२६९ नासीरुद्दीन चिराक दिहलवी दिली अवलिया हुवा है । २२७० सुरतान तारकीन कुतुब साहिब दोनू मुरीद खाजा मुईनउद्दीनरा। २२७१ नागोर हीरावाडीरी पौसाळामे हमीनुद्दीन रह्या तिण जतीरा भेखमें ऊमर पूरी करी इणनू दफनायो हमीनुद्दीन नागोरी ।

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