Book Title: Bankidasri Khyat
Author(s): Narottamdas Swami
Publisher: Rajasthan Puratattvanveshan Mandir

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Page 207
________________ २३५५-२३६६ ] मुसलमानांरी वातां [ १६३ २३५५ जोरागढ अकबररा उमरावा लियो जद राजा वीरसिंघ गढपतीरी राणी कळावती भली तरै गढ भिलता काम आयी. आऊ गढ हम नागपुर हेट है । २३५६ पातसाह अकबरर वारह सूबा हुता। २३५७ भारतरो तरजुमो फारसीमे अकबर करायो, नाम रजवनामो रसायणरा सोनारी लाखा मोहरा अकबर पडाय अक ही ओरियामे राखी हुती, आखरवत दान सारु अकबर अकसमात मर गयो जहागीर वागी थको प्रयागमें हतो मोहरा धरी हीज रही धरे धराये रह गये, चौकुटे अर गोळ । २३५८ अकवर कुटवाळानू लिखियो - लुगाईनू घोडा माथै चढण मत दीजो। २३५६ विन घगरो नगरो गये, अकबर साह जलाल । लाल कहै इक तालम, भये विराणे माल ।। २३६० सवत १६७८ साहजादा खुरम भीव सीसोदियानू मेडतो दिरायो। २३६१ राजा ईदो राड सवत १६६१ काती सुदमे भीम परवेजसू मोहबतखासू जग कर काम आयो खुरम आगै । २३६२ भीवरै कुवर किसनसिंघ मेडतै रामसरण हुवो। २३६३ सवत १६८३ परवेज वुरहानपुर मुवो । २३६४ दसहजारी दारासिकोह नवहजारी साहसुजो नवहजारी औरगजेब. पाच हजारी मुरादवकस। २३६५ साहजादा दारासिकोहरो बेटो सुलेमान सिकोह । २३६६ हरिवसरो, योगवासिस्टरो, सिहासणवत्तीसी वररुचि कृत जिणरो फारसीमे तरजुमो दारासिकोह करायो नाम गुलपसा ग्रन्थ राजावळी मिस्र विद्याधर ऋत, ग्रन्थ राजतरगिणी पडित रुघनाथ क्रत फारसीमें तरजुमो दारासिकोह करायो। २३६७ श्रीमत भागवतरो ही फारसीमे तरजुमो दारासिकोह करायो राणा रतनसेनरो नै पदमावतीरो अहवाल फारसीमे करायो दारासिकोह. नाम किताबरो रतनसेन-पदमावती। २३६८ भिदारिय राजा ओरगजेबनू चाबळ पगार वतायी उणरा चाबळ उतरि धोळ पुर आ ओरगजेब जग कियो साहजहारी फोजसू ।। २३६६ धोळपुररा झगडामें गोळासू पजि हाथी भागो, चावळमे पैठो ओरगजेबरो साहजादो जहादारसाह हुतो सो चाबळरा पाणीमे डूब मुवो।

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