Book Title: Bankidasri Khyat
Author(s): Narottamdas Swami
Publisher: Rajasthan Puratattvanveshan Mandir

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Page 173
________________ १८७४-१८९०] देवड़ारी वातां [१५९ १८७४ रणधीर १, पतो २, तेजो ३, मेघराज ४ । १८७५. मेघराजनू राव अक्षराज राम साईदासोत भेळो मारियो. मेघराजरा भटाण । १८७६ मेघराज सीसोदियो परबतसिंघरो जवाई । १८७७. देवडा मेघराजरा बेटारी विगत - नाटो १, भाखरसी २, डूगरसी ३, नरहरदास ४. नाटान राम देवड़ारै बेटै मारियो भाखरसी चादा प्रथी राजोत कनै छै नरहरदासनू राव भटाणो दियो। १८७८ राव लखो १, जगमाल २, मेहाजळ ३, कलो ४, पतो ५, हरिदास ६ । १८७९. देवडो मेहाजळ राव जगमालरो भाख र माथै अखैगढ जठै रह्यो राव मानसिंघ मेहाजळनू मरायो मानसिंघ मुवो जद कलो मेवाजळरो सिरोही राव हुतो. काळदरी वेढ कर विजेजी राव सुरताण कलासू भाजियो। १८८० मेहाजळग वेटारी विगत - कलो १, रायसल २, पचायण ३, जैतमाल ४, परवत ५। १८८१ देवड़ा मेहाजळ जगमालोतरा बेटारी विगत - राव कलो १, परबतसिघ २, जैतमाल ३, रायसल ४। १८८२. लखावत राव कलो मेहाजळोत देवडो जिणरा बेटारी विगत - पातो १, आसकरण २, महेमदास ३ । १८८३ पातारा वीमळपुर, आसकरणरा वाकली नै कोटडे, महेसदासरा अके गावमे है कोरटो जुआचार है। १८८४ देवडा पता कला मेहाजळोतर बालीसानू मार वीसळपुर लियो। - १८८५ देवडो डूगर १, रुदो २, नरसिघ ३, सिखरो ४, भैरव ५, रामो ६ । १८८६ डूगर १, रुदो २, हरराज ३, वीजो ४, रामसिंघ ५।। १८८७ हरराज रूदावतरा बेटारी विगत - वीजो १, लूणो २, मानो ३, अजैसी ४, वणवीर ५, धनो ६, जैमल ७ । १८८८. देवडा हरराजरा बेटारी विगत – वीजो १, वणवीर २, धनो ३, अजैसी ४, भगवानीदास ५, मानो ६, लूणो ७ । १८८९ देवडा वीजारा बेटारी विगत - रामसिघ १, अमरो २, जसवत' ३, भोजराज ४ । १८९० वीजैजी महाराणा जद जाम वेगरा भाईरै लहोडा लागा राव चद्रसेणरी बेटी जामवतीवाई वीजाजी लारै बळी ।

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